प्रदर्शनकारियों को समर्पित दरब फारूकी की नज्म ‘मेरा नाम शाहीन बाग है’
  • 4 years ago
दरब फारूकी की कविता 'नाम शाहीन बाग है' उस शाहीन बाग को समर्पित है, जो सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टट के खिलाफ प्रदर्शन का केंद्र बना हुआ है.
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