26 जनवरी 2020 से अशुभ पंचक काल शुरू, कब तक रहेगा इसका प्रभाव | Boldsky
  • 4 years ago
According to Vedic astrology there are 5 such nakshatras whose yoga formed by special coincidence is called Panchak. These five nakshatras are considered corrupt for auspicious works, that is why special care of Panchak is taken before completing some special tasks. According to Vedic astrology, 27 constellations are described in the Nakshatra Chakra. On the basis of these Nakshatras, all 27 Nakshatras are divided in all the 12 zodiac signs. According to which about one and a quarter to two constellations come in one zodiac.

वैदिक ज्योतिष के अनुसार 5 ऐसे नक्षत्र हैं जिनके विशेष संयोग से बनने वाले योग को पंचक कहा जाता है। यह पांच नक्षत्र शुभ कार्यों के लिए दूषित माने जाते हैं इसी कारण कुछ विशेष कार्यों को पूर्ण करने से पहले पंचक का विशेष ध्यान रखा जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार नक्षत्र चक्र में 27 नक्षत्रों का वर्णन किया गया है। इन नक्षत्रों के आधार पर ही सभी 12 राशियों में सभी 27 नक्षत्रों को विभक्त किया गया है। पंचक में पांच नक्षत्र का योग होता है इसलिए माना जाता है कि पंचक के समय में यदि कोई अशुभ कार्य हो जाए तो वह 5 बार पुनः होता है। अर्थात उसके बाद पांच बार उसकी पुनरावृत्ति होती है। इसलिए पंचक के दौरान हुए अशुभ कार्य का निवारण करना अति आवश्यक हो जाता है। विशेष रुप से यदि पंचक के दौरान किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो घर परिवार में पांच लोगों पर मृत्यु के समान संकट मंडराता रहता है।

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