पूर्वजन्मों की स्मृतियाँ (यादें) : The Memories of Past Life
  • 4 years ago
पिछले जन्मों की यादें अथवा पूर्व जन्मों की स्मृतियों का लोप होना प्रकृति का एक सुनिश्चित नियम है। वर्तमान के भौतिक जीवन की अनेक घटनाएँ हम स्वयं भूल जाते हैं। बचपन से लेकर बुढ़ापे तक के समय की संपूर्ण जीवन की एक-एक घटना हमें याद नहीं रहती। सोचिये और कल्पना कीजिये कि यदि हमे अपने पूर्व जन्म का सबकुछ याद रहता तो निश्चित ही हमारा वर्तमान जीवन बहुत अशांत हो जाएगा। फिर तो हम अपने पूर्व जन्म के मित्र, दुश्मन, प्रेमी, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्रियों, रिश्तेदार, अच्छे-बुरे प्रसंग व घटित हुई घटनाएँ याद बने रहने के कारण उनसे आसक्ति बन जाएगी और उस अवस्था में हमारा इस वर्तमान भौतिक जीवन शांति पूर्ण ढंग से बिताना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए शांतिप्रिय जीवन के लिए विस्मरण होना आवश्यक है।


पूर्व जन्म की विस्मृति के बाद नया शरीर प्राप्त करने पर नया उत्साह, नई उमंग, नए संबंध, नए निर्माण की विकास-यात्रा प्रारंभ होती है। इस लिये यह ज़रूरी भी है कि पूर्व जन्म की पुरानी अच्छी एवं बुरी दोनो प्रकार की स्मृतियों को भुला दिया जाए। यदि पूर्व जन्म से हटकर भी सोचें तो किसी भी व्यक्ति को इसी वर्तमान जन्म की समस्त घटनाएँ यथावत् याद बने रहना संभव नहीं है। यदि व्यक्ति को अपने जीवन की समस्त अच्छी-बुरी घटनाएँ यथावत् बनी रहतीं तो जीवन अत्यंत अशांत हो जाता। इसलिए विस्मरण होना स्वाभाविक और आवश्यक भी है। 


इस वीडियो संदेश के द्वारा इस विषय को विस्तार एवं गंभीरता से समझेंगे।


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धन्यवाद।
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