Jammu & Kashmir : The meaning of this silence (promo)
  • 4 years ago
Economist Jean Dreze talks News Mail, returning from Kashmir

पूरा कश्‍मीर बना जेल :
- यह एक ‘हाउस अरेस्ट’ जैसा है। कुछ ऐसे ही हालात हैं। यह हाल न्यायसंगत नहीं है। सरकार का तर्क है कि यह सब आतंकवादियों से संपर्क रोकने के लिए किया जा रहा है, लेकिन कुछ सीमाएं हैं जिन्हें आप नहीं लांघ सकते। अंतराष्ट्रीय कानून के तहत यह ‘सामूहिक सजा’ है।
- अहम बात यह है कि इतना सब आघात के बावजूद लोग आज वहां एक बार फिर संघर्ष के लिये तैयार हैं। दरअसल इस लंबी अवधि के संघर्ष ने इसे ही (संघर्ष) इनका जीने का तरीका बना दिया है।
- ऐसा नहीं है कि यह केवल अलगाववादियों की सोच है, बल्कि यह जनांदोलन का स्‍वरूप लेता जा रहा है। आम आदमी अपनी दिनचर्या में इस दमन से अब ऊब चुका है। आजादी की परिभाषा अलग अलग लोगों में अलग अलग होती है..
- आज वे वहां के दमन से आजादी चाहते हैं। यह आजादी का आंदोलन एक तरह से जड़ों तक गहरा पैठ चुका है। आज ऐसा लगता है कि लोगों में उम्मीदें खत्म हो गई हैं लेकिन कल होकर लोग फिर से संघर्ष पर उतरेंगे क्योंकि यही उनके जीवन का तरीका बन चुका है।
- अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि फिर से संघर्ष कब शुरू हो जाएगा। लेकिन लोगों की बातचीत से यह तो स्पष्ट लगता है कि विरोध का स्वर फिर से वहां सुना जाएगा। हालांकि ज्यादातर लोग शांतिपूर्ण विरोध करना चाहते हैं। लेकिन दु:ख की बात यह है कि कश्मीर में यहां तक कि शांतिपूर्ण विरोध की भी अनुमति नहीं है, खासकर इस मुद्दे पर। यहां तक कि लोग हाथ में मांग वाली तख्तियां लेकर सड़कों पर खड़े नहीं हो सकते.. कैन्डल मार्च तक की भी अनुमति नहीं है। पुलिस उन्हें पकड़ कर ले जाएगी।
- अगर आप शांतिपूर्ण विरोध की अनुमति नहीं दे रहे तो इसका मतलब है कि आप उन्हें विरोध के अन्य राह पर जाने को मजबूर कर रहे हैं।
- यही नहीं, दूसरी राह पर जाने की मजबूरी का एक और कारण है कि जो मुख्यधारा के नेता, या कहिये मध्यमार्गी नेता, थे उन्हें जेलों में बंद कर दिया गया है।
.... सुनिये पूरा इंटरव्‍यू इस वीडियो में.. https://youtu.be/7MHDOMSbsaA
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