दूर जाते ही बहक क्यों जाते हैं? || आचार्य प्रशांत, युवाओं के संग (2014)
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वीडियो जानकारी:

संवाद सत्र
१२ अक्टूबर, २०१४
ए.के.जी.इ.सी. गाजियाबाद

प्रसंग:
सर, आप की बात तो समझ में आती है पर आप से दूर जाते ही बहक क्यों जाते हैं?
आप के बातों को हमेशा के लिए कैसे याद रखे?
व्यर्थ की बाते मन पर क्यों छा जाती है?
अभी मै कैसे डूबे?

संगीत: मिलिंद दाते