श्रद्धा है विश्वास की परिपूूर्ति || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2014)

  • 4 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२२ अक्टूबर २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

अष्टावक्र गीता:
अध्याय १८, श्लोक ७५

निरोधादीनि कर्माणि जहाति जड़धीर्यदि |
मनोरथान् ‍‌प्रलापांश्र्च कर्तुमाप्नोत्यतत्क्षणात् ||

प्रसंग:
श्रद्धा क्या है?
जीवन में श्रद्धा कैसे लायें?
श्रद्धा किसके प्रति करें?
श्रद्धा और विश्वास में क्या अंतर है ?
श्रद्धा और अंधविश्वास में क्या अंतर हैं?
श्रद्धा इतनी महत्वपूर्ण क्यों?
अष्टावक्र बोधयुक्त किसे बताए है?

संगीत: मिलिंद दाते