तुम मेरे आवरण मात्र की कीमत करते हो || आचार्य प्रशांत, संत फरीद पर (2015)

  • 4 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२२ अप्रैल २०१५,
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

दोहा:
फरीदा काले मैडे कपड़े कला मैडा वेस |
गुनही भरिआ मै फिरा लोक कहै दरवेस ||

प्रसंग:
फरीद के अमूल्य वचनों को कैसे समझें?
मन आवरण पर ही क्यों केन्द्रित होता है?
ऊपर-ऊपर की तरफ ही मन क्यों अटका रहता है?