केंद्र पर है जीवन शांत, सतह पर रहे तो मन आक्रांत || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2014)

  • 4 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
३० नवम्बर २०१४
अद्वैत बोधस्थल

दोहा:
आजा का घर अमर है, बेटा के सिर भार।
तीन लोक नाती ठगे, पंडित करो विचार ||

प्रसंग:
आजा का क्या अर्थ है?
केंद्र पर है जीवन शांत, सतह पर रहे तो मन आक्रांत
मै हूँ कहने से क्या आशय है?

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