अस्तित्व, मन, समाज, गुलामी || आचार्य प्रशांत, युवाओं के संग (2014)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२३.०८.२०१४
ए.के.जी.ई.सी, ग़ाज़ियाबाद

प्रसंग:
अस्तित्व का केन्द्रीय मूल्य है क्या है?
अस्तित्व को कैसे स्वीकारें?
अकर्ता भाव का क्या अर्थ है?
मन क्या है?
मन कितने प्रकार के होते है?
मन को कंडीशनिंग होने से कैसे बचाए?
मन साफ कैसे रखें?
स्वस्थ समाज कैसे बने?
हम समाज की कठपुतली क्यों बन चुके है?
समाज से आने वाले विभिन्न प्रभावों से कैसे बचें?
क्या इंसान समाज के बिना नहीं जी सकता?

संगीत: मिलिंद दाते