तुम्हारी परम मुक्ति में यह भी शामिल है कि तुम अमुक्त रहे आओ || आचार्य प्रशांत (2016)

  • 4 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
६ जनवरी २०१६
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
अपना गुरु कौन है?
हमारी हसरत क्या है?
हम खुद को धोखा क्यों देते है?