जीने और जानने के दो तरीके || आचार्य प्रशांत, सूफ़ी मत पर (2013)
- 5 years ago
वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
६ जनवरी २०१३
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
जीने का क्या अर्थ है?
जीवन जीने के कितने तरीके होते है?
जीवन क्या है?
जागरूक कैसे बनें?
भरपूर जिंदगी कैसे जिएँ?
जीवन जीने की सही कला क्या है?
समभाव में जीने का क्या अर्थ है?
संगीत: मिलिंद दाते
शब्दयोग सत्संग
६ जनवरी २०१३
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
जीने का क्या अर्थ है?
जीवन जीने के कितने तरीके होते है?
जीवन क्या है?
जागरूक कैसे बनें?
भरपूर जिंदगी कैसे जिएँ?
जीवन जीने की सही कला क्या है?
समभाव में जीने का क्या अर्थ है?
संगीत: मिलिंद दाते