जो भयानक है वो कुछ छीन नहीं सकता,जो आकर्षक है वो कुछ दे नहीं सकता || आचार्य प्रशांत (2015)
- 4 years ago
वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२० मई २०१५
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
जो भयानक है वो कुछ छीन नहीं सकता,जो आकर्षक है वो कुछ दे नहीं सकता इस पंक्ति का क्या भावार्थ है?
भयानक और आकर्षण में क्या समानताएं हैं?
क्या भयानक से डरना उचित है और आकर्षण की तरफ बढ़ना स्वाभाविक है?
शब्दयोग सत्संग
२० मई २०१५
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
जो भयानक है वो कुछ छीन नहीं सकता,जो आकर्षक है वो कुछ दे नहीं सकता इस पंक्ति का क्या भावार्थ है?
भयानक और आकर्षण में क्या समानताएं हैं?
क्या भयानक से डरना उचित है और आकर्षण की तरफ बढ़ना स्वाभाविक है?