स्वभाव क्या बदल ही नहीं सकता? || आचार्य प्रशांत, कबीर साहब पर (2018)

  • 4 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग, पार से उपहार
५ जनवरी २०१८
अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा

जाके जौन स्वभाव, छुटे नही जीव सो,
नीम न मीठी होए, सींचे गुड़ घीव सो। (संत कबीर)

प्रसंग:
स्वभाव क्या होता है?
स्वभाव क्या बदल ही नहीं सकता?
स्वभाव और प्रकृति में क्या भेद है?
हमारा केंद्रीय स्वभाव क्या है?
अपने स्वभाव में कैसे जिएँ?
अपने स्वाभाव को कैसे प्राप्त करें?