समझे जाने की इच्छा कहीं सम्मान पाने की इच्छा तो नहीं? || आचार्य प्रशांत (2015)
- 5 years ago
वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
४ मार्च २०१५,
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
मनुष्य को सम्मान पाने की इच्छा क्यों होती है?
सम्मान माने क्या?
हम अपने छवि को लेकर इतना गंभीर क्यों बने रहते है?
लोगो को लेकर इतना परेशानियाँ क्यों बनी रहती हैं?
शब्दयोग सत्संग
४ मार्च २०१५,
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
मनुष्य को सम्मान पाने की इच्छा क्यों होती है?
सम्मान माने क्या?
हम अपने छवि को लेकर इतना गंभीर क्यों बने रहते है?
लोगो को लेकर इतना परेशानियाँ क्यों बनी रहती हैं?