संत का झूठ भी सत्य जितना ही मूल्यवान || आचार्य प्रशांत, ओशो पर (2017)
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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
११ अगस्त, २०१७
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
संत का झूठ भी सत्य जितना ही मूल्यवान ऐसा क्यों बोल रहे है ओशो?
प्रेम क्या है?
क्या गुरु के मजाक भी मजाक नहीं है?
झूठ क्या होता है?
क्या सत्य के लिए झूठ भी बोला जा सकता है?
क्या उपयोगी झूठ सत्य जैसा ही है?