चले जा रहे हो, पर किधर को? || आचार्य प्रशान्त, युवाओं के संग (2014)
  • 4 years ago
वीडियो जानकारी:

संवाद सत्र
०४ फ़रवरी २०१४
आई.टी.एम, गुड़गाँव

प्रसंग:
चले जा रहे हो, पर किधर को?
कबीर ठहर जाने की बात क्यों करते है?
ठौर का क्या अर्थ?
सही मार्ग क्या हैं मेरे लिए?
सही-गलत में कैसे भेद करें?

संगीत: मिलिंद दाते