संत किस 'शब्द' की बात करते हैं? || आचार्य प्रशांत, गुरु कबीर पर (2013)

  • 4 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
१९ जून २०१३
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

शब्द भेद तब जानिये, रहे शब्द के माहिं।
शब्दे शब्द परगट भया, दूजा दीखे नाहिं।।

शब्द गुरु का शब्द है, काया का गुरु काय।
भक्ति करै नित शब्द की, सतगुरु यौं समुझाय।।

एक शब्द सुख खानि है, एक शब्द दुःख रासि।
एक शब्द बंधन कटे, एक शब्द गल फांसि।।

शीतल शब्द उचारिये, अहम मानिये नाही।
तेरा प्रीतम तुझी में, दुश्मन भी तुझ माही।।

~ गुरु कबीर

प्रसंग:
अनहद शब्द का क्या अर्थ है?
संत किस 'शब्द' की बात करते हैं?
गुरु कबीर साहब के दोहे को कैसे समझे?
"तेरा प्रीतम तुझी में, दुश्मन भी तुझ माही" इस पंक्ति का क्या भावार्थ है?

संगीत: मिलिंद दाते

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