काम बिगड़ते हैं क्योंकि तुम बहुत ज़्यादा करने की कोशिश करते हो || आचार्य प्रशांत, छात्रों के संग(2012)
- 4 years ago
वीडियो जानकारी:
संबाद सत्र
२५ अप्रैल २०१२
सी.जी.आई कॉलेज
प्रसंग:
काम को कैसे खेल की तरह ही जाने?
काम बिगड़ते हैं क्योंकि तुम बहुत ज़्यादा करने की कोशिश करते हो
हमें काम बोझ सा क्यों मालूम पड़ता है?
संबाद सत्र
२५ अप्रैल २०१२
सी.जी.आई कॉलेज
प्रसंग:
काम को कैसे खेल की तरह ही जाने?
काम बिगड़ते हैं क्योंकि तुम बहुत ज़्यादा करने की कोशिश करते हो
हमें काम बोझ सा क्यों मालूम पड़ता है?