काम को पूरी सच्चाई से चुनो और फिर उसमें निर्विकल्प होकर डूब जाओ || आचार्य प्रशांत(2015)
- 4 years ago
वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
४ मई २०१५
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
काम का चुनाव किस आधार पर करें?
कोई भी काम कुछ समय के बाद ऊब सा क्यों मालूम पड़ने लगता है?
काम में सच्चाई है या नहीं इसका विश्लेषण कैसे करें?
शब्दयोग सत्संग
४ मई २०१५
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
काम का चुनाव किस आधार पर करें?
कोई भी काम कुछ समय के बाद ऊब सा क्यों मालूम पड़ने लगता है?
काम में सच्चाई है या नहीं इसका विश्लेषण कैसे करें?