अपनी सच्चाई जानना चाहते हो? || आचार्य प्रशांत, अपरोक्षानुभूति पर (2018)

  • 4 years ago
वीडियो जानकारी:

२४ अप्रैल, २०१८
अद्वैत बोधस्थल,
ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
आत्मानां सततं जानन्कालं नय महामते।
प्रारब्धमखिलं भुञ्जन्नोद्वेगं कर्तुमर्हसि॥८९॥

भावार्थ: हे महामते! आत्मस्वरूप को निरंतर जानते हुए अपने सम्पूर्ण प्रारब्ध का भोग करते हुए काल व्यतीत कर, तुझे उद्विग्न न होना चाहिए।

~ अपरोक्षानुभूति

अपनी सच्चाई को कैसे जानें?
अपरोक्षानुभूति को कैसे समझें?
क्यों कहा जाता है कि आत्मा मात्र ही सत्य है?
मन की स्थिति को कैसे जानें?
अपनी वास्तविकता को कैसे जानें?

संगीत: मिलिंद दाते