जब चाहो तब मुक्ति || आचार्य प्रशांत, संत चरणदास पर (2014)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
१२ अक्टूबर २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

दोहा:
काहू से नहि राखिये, काहू विधि की चाह।
परम संतोषी हूजिये, रहिये बेपरवाह || (संत चरणदास)

प्रसंग:
मुक्ति की चाह क्यों नहीं पूरी हो पाती?
मुक्ति कैसे पायें?
क्या इस कलयुग में मुक्ति संभव है?

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