असली रण अपने विरुद्ध है || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2014)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
१६ नवम्बर २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

दोहा:
कबीर रण में आइ के, पीछे रहे न सूर|
साईं के सन्मुख रहे, जूझे सदा हुजूर||
~ गुरु कबीर

प्रसंग:
"जूझे सदा हुजूर" से क्या आशय है?
रण का क्या अर्थ है?
शांति कहाँ है?

संगीत: मिलिंद दाते