सोच- सोच कर देखा तो क्या देखा || आचार्य प्रशांत, कृष्णमूर्ति पर (2014)

  • 4 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
१६ फरवरी २०१४,
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
सोचना किस हद तक सही?
कहाँ से देख रहे हो अन्दर से या बाहर से?
क्या असली देखना आँखों के पार देखना नहीं है?