होश में आओ! यही एकमात्र धर्म है || आचार्य प्रशांत, युवाओं के संग (2012)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

संवाद सत्र
२१ नवम्बर, २०१२
ए.आई.टी

प्रसंग:
होश में कैसे जीए?
कैसे जाने की होश में जिएं जा रहा हूँ या बेहोश में?
खुद को कैसे जाने?
क्या मन को जाना जा सकता हूँ?
मेरे लिए अभी क्या करना फर्ज बनता है?

संगीत: मिलिंद दाते

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