मुस्लिम ब्रदरहुड की RSS से तुलना क्यों? राहुल के लिए ब्रदरहुड और BJP-RSS एकसमान

  • 5 years ago
मुस्लिम ब्रदरहुड की स्थापना इजिप्ट के इस्लामिक स्कॉलर हसन अल बान्ना ने 1928 में की थी, जिसका मकसद अरब देशों में सुन्नी मुस्लिमों को एकजुट करना था । जबकि आरएसएस की स्थापना 1925 में डॉ केशव बलराम हेडगेवार ने भारत को एकजुट हिंदू राष्ट्र के तौर पर मजबूत बनाने के लिए की थी..। मुस्लिम ब्रदरहुड शुरुआत से ही राजनीतिक संगठन के तौर पर काम करता रहा, जबकि आरएसएस ने खुद को सक्रिय राजनीति से दूर रखा और सांस्कृतिक-सामाजिक संगठन के तौर पर काम करता रहा । मुस्लिम ब्रदरहुड पर 1952 में इजिप्ट के तत्कालीन राष्ट्रपति मुहम्मद नगीब की हत्या की साजिश का आरोप लगा और उस पर पाबंदी लगा दी गई । 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद संघ पर भी पाबंदी लगाई गई थी, जिसे बाद में वापस लेना पड़ा । इजिप्ट में हुस्नी मुबारक सरकार के तख्तापलट के बाद मुस्लिम ब्रदरहुड मुख्यधारा की राजनीति में वापस लौटा । 2012 के इजिप्ट चुनाव में उसने फ्रीडम एंड जस्टिस पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की । वहीं संघ 1951 से ही पहले जनसंघ और अब बीजेपी के अभिभावक के तौर पर काम कर रहा है । मुस्लिम ब्रदरहुड पर आज भी रूस, कनाडा और ब्रिटेन जैसे देशों ने प्रतिबंध लगा रखा है, जबकि संघ की पहचान पूरी दुनिया में एक भारतीय राष्ट्रवादी संगठन की है.

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