देश भर में मूर्तियां तोड़ने का पागलपन क्यों ? |MahaBahas

  • 5 years ago
ये देश मूर्तिपूजकों का है । सिर्फ देवी-देवताओं की नहीं, बल्कि महान व्यक्तियों की मूर्तियां देश भर में स्थापित की जाती रही हैं, ताकि उन महापुरुषों की नसीहतें पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों को याद रहें । मूर्तियों पर राजनीति भी होती रही है, लेकिन अब मूर्तियों पर महासंग्राम छिड़ गया है ।

सिर्फ तीन दिनों में महापुरुषों की मूर्तियां तोड़ने की चार दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं सामने आ चुकी हैं । त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति तोड़ने से शुरू हुआ ये सिलसिला कोलकाता, तमिलनाडु और यूपी के मेरठ तक पहुंच गया है । त्रिपुरा में वामपंथ के ग्लोबल आइकन व्लादिमिर लेनिन की मूर्ति तोड़ने के पीछे बीजेपी समर्थकों का हाथ होने का शक हुआ, तो कोलकाता में जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने की घटना हो गई । इसे वामपंथ समर्थकों का जवाबी हमला माना जा रहा है । वहीं त्रिपुरा की घटना पर तमिलनाडु के बीजेपी नेता एच राजा की फेसबुक पोस्ट के बाद वेल्लोर में पेरियार की प्रतिमा तोड़ दी गई । इसमें बीजेपी और सीपीआई के एक-एक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है.

मूर्तियां तोड़ने की घटनाओं का असर आज संसद में देखने को मिला । दोनों सदनों में देश भर में मूर्तियां तोड़ने की घटनाओं पर हंगामा हुआ । राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि कोई बैड मैन और मैड मैन ही ऐसी घटनाओं को अंज़ाम दे सकता है । मूर्तियों पर त्रिपुरा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में बवाल हो रहा है । गृह मंत्री राजनाथ सिंह को इस बारे में आज खुली चेतावनी देनी पड़ी कि माहौल खराब करने वाले किसी भी आदमी को बख्शा नहीं जाएगा.

फिलहाल त्रिपुरा और तमिलनाडु में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं । लेफ्ट और बीजेपी के नेता एक-दूसरे पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगा रहे हैं । चूंकि सभी पार्टियां 2019 के चुनावी मोड में आ चुकी हैं, इसलिए ये सवाल भी बड़ा होता जा रहा है कि कहीं मूर्तियां तोड़ने के पीछे कोई साज़िश तो नहीं है.

For More Information visit us: http://www.inkhabar.com/
Connect with us on Social platform at https://www.facebook.com/Inkhabar
Connect with us on Social platform at
https://twitter.com/Inkhabar
Subscribe to our YouTube channel: https://www.youtube.com/user/itvnewsindia

Recommended