'एमपी' में जय हिंद और 'राजस्थान' में राष्ट्रगान गाने का फरमान: Mahabahas

  • 5 years ago
राष्ट्र गान यानी जन-गण-मन गाने पर देश में कभी कोई विवाद नहीं हुआ था । राष्ट्रगान का सम्मान करना और रोज़ राष्ट्रगान गाना स्कूलों में रूटीन का हिस्सा बहुत पहले से है । ऐसे में अगर राष्ट्रगान गाने के लिए सरकारी फरमान जारी होने लगे, तो सवाल उठना स्वाभाविक है कि इसकी ज़रूरत क्या है ? नियम बनाकर राष्ट्रगान गाने के लिए कहने की नौबत क्यों आ गई ?

राष्ट्रगान और राष्ट्रभक्ति का ये सवाल फिलहाल दो राज्यों में गूंज रहा है । मध्यप्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में जय हिंद बोलना अनिवार्य करने का फैसला किया है । स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह को लगता है कि स्कूलों में अटेंडेंस रजिस्टर कराने के लिए यस सर-यस मैडम बोलना बेकार है । इसकी बजाय अगर बच्चे जय हिंद बोलेंगे तो उनके मन में राष्ट्रप्रेम पैदा होगा । दूसरी ओर राजस्थान के सामाजिक न्याय विभाग ने अपने सभी हॉस्टलों में सुबह 7 बजे राष्ट्रगान गाना अनिवार्य कर दिया है । सामाजिक न्याय विभाग की ओर से राजस्थान में एससी, एसटी और पिछड़ी जातियों के बच्चों के लिए 789 हॉस्टल चल रहे हैं । हॉस्टल में राष्ट्रगान गाने का फरमान भी इसीलिए जारी किया गया है, ताकि छात्र-छात्राओं में देशभक्ति जागे.

हाल के दिनों में राष्ट्रगीत यानी वंदे मातरम और भारत माता की जय को लेकर काफी बवाल हुए हैं । जयपुर के मेयर ने इसी महीने से सभी कर्मचारियों को सुबह राष्ट्रगान और शाम को वंदे मातरम गाने का आदेश दिया था, जिस पर जमकर राजनीति हुई । अब राष्ट्रगान के फरमान पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं । गैर बीजेपी पार्टियों के नेताओं का कहना है कि राष्ट्रगान गाना अच्छी बात है, लेकिन इसके लिए सरकारी फरमान जारी करने का मतलब क्या है ?


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