Sang Hoon Tere | Orginal Version | संग हूँ तेरे | PD RAJAN

  • 5 years ago
''संग हूँ तेरे'' एक मौलिक कविता है जिसमें कवि स्वयं को प्रथम पुरुष मनु तथा प्रेमिका को प्रथम नारी श्रद्धा सम्बोधित करते हुए कहता है -

तुम श्रद्धा सी बस्ती हृदय मेरे|
मैं प्रेम करूँ पल-पल तुमको,
मनु सा प्रिये, संग हूँ तेरे||

कभी कवि प्रेमिका को प्रथम कविता तथा कभी स्वाति की बूँद कहकर सम्बोधित करता है|
कवि कहता है कि मैं मनु, चातक कई रूपों में तुम्हारे साथ हूं|

अधिक जानने के लिए पूरा वीडियो जरूर देखें | लाइक और सब्सक्राइब करना न भूले|

धन्यवाद |

Recommended