मुसलमानों के झगड़े बढ़ा रहे हैं कोर्ट का काम, इसलिए यूपी में शुरू हुईं शरिया अदालतें
- 6 years ago
First Shariah court started in Kannauj
कन्नौज। उत्तर प्रदेश के कन्नौज में पहली दारुल कज़ा यानि शरिया अदालत की औपचारिक शुरूआत हो गई है। इसी के साथ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आने वाले दिनों में देश के सभी जिलों में दारुल कज़ा यानि शरिया अदालतों की शुरुआत करेगा। बता दें कि इस साल तक मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड 10 नई शरिया अदालत शुरुवात करने जा रहा है। वहीं, कन्नौज में शरिया अदालत खोले जाने के इस फैसले पर योगी सरकार ने ऐतराज जताया है।
शरिया अदालत या दारुल कजा की शुरुआत कनौज में मदरसा इस्लामियां बदरूल उलूम हाजीगंज में हुई है, जहां ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलान खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने इसकी नींव रखी। इस मौके पर मौलान खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि दारुल कजा को खाप पंचायत बताना या अदालत के समकक्ष बताना सरासर गलत है। उन्होंने बताया कि यह सिलसिला आजादी के पहले से ही मुल्क में चल रहा है। इसमें मुस्लिम परिवारों के घरेलू झगड़ों, पति-पत्नी के बीच मन मुटाव को दूर किया जाता है। तलाक के कई मामले दारुल कजा में आकर खत्म हो जाते हैं। दारुल कजा में कई बार गैर मुस्लिमों के मसलों को भी हल किया गया है।
कन्नौज। उत्तर प्रदेश के कन्नौज में पहली दारुल कज़ा यानि शरिया अदालत की औपचारिक शुरूआत हो गई है। इसी के साथ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आने वाले दिनों में देश के सभी जिलों में दारुल कज़ा यानि शरिया अदालतों की शुरुआत करेगा। बता दें कि इस साल तक मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड 10 नई शरिया अदालत शुरुवात करने जा रहा है। वहीं, कन्नौज में शरिया अदालत खोले जाने के इस फैसले पर योगी सरकार ने ऐतराज जताया है।
शरिया अदालत या दारुल कजा की शुरुआत कनौज में मदरसा इस्लामियां बदरूल उलूम हाजीगंज में हुई है, जहां ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलान खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने इसकी नींव रखी। इस मौके पर मौलान खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि दारुल कजा को खाप पंचायत बताना या अदालत के समकक्ष बताना सरासर गलत है। उन्होंने बताया कि यह सिलसिला आजादी के पहले से ही मुल्क में चल रहा है। इसमें मुस्लिम परिवारों के घरेलू झगड़ों, पति-पत्नी के बीच मन मुटाव को दूर किया जाता है। तलाक के कई मामले दारुल कजा में आकर खत्म हो जाते हैं। दारुल कजा में कई बार गैर मुस्लिमों के मसलों को भी हल किया गया है।