इतना आसान नहीं जजों को हटाना; सियासत के लिए न्यायपालिका से खिलवाड़?

  • 6 years ago
आपको बताते हैं कि अगर चीफ जस्टिस को हटाने के प्रस्ताव को वेंकैया नायडू ने मंजूरी दे दी तो आगे की प्रक्रिया कैसे चलेगी? जजों को हटाने की प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 124(4) में दी गई है। इस केस में प्रस्ताव राज्यसभा में लाया जा रहा है। इसके लिए 50 सांसदों के दस्तखत होने चाहिए। सभापति की मंजूरी के बाद प्रस्ताव पर बहस होगी। बहस के बाद सदन में मौजूद सदस्यों के दो-तिहाई का समर्थन उसे मिलना चाहिए। इसके बाद ही उसे राज्यसभा में पारित माना जाएगा। इसके बाद प्रस्ताव लोकसभा में जाएगा। यहां जज इनक्वायरी एक्ट के तहत चीफ जस्टिस पर जो आरोप लगाए गए हैं उनकी जांच के लिए कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी आरोपों की जांच करेगी और अगर आरोप सही नहीं पाए जाते हैं तो सदन प्रस्ताव को खारिज कर देगा। अगर कमेटी आरोपों को सही मानती है तो सदन में बहस होगी और वहां भी मौजूद और वोट करने वाले दो-तिहाई सदस्यों का उसे समर्थन मिलना चाहिए। इसके बाद दोनों सदनों की तरफ से प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद चीफ जस्टिस को हटाया जा सकेगा।

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