गुड न्यूज! इंतजार की घडि़यां खत्म, मंदार महोत्सव को मिला राजकीय मेले का दर्जा

  • 6 years ago
बिहार के अतिमहत्वपूर्ण मंदार महोत्सव सह बौंसी मेला अब राजकीय मेला के रूप में आयोजित किया जाएगा। इस प्राचीन मेला को और बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार अगले साल से और बेहतर पहल करेगी। मेला को देश स्तर का मेला बनाया जाएगा। ये बातें बौंसी में आयोजित चार दिवसीय मंदार महोत्सव के उद्घाटन के बाद राज्य के राजस्व व भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल ने कही।

मंदार महोत्सव का उद्घाटन राज्य के पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, भू राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल, पूर्व मंत्री जावेद इकबाल अंसारी, विधायक गिरधारी यादव, मनीष कुमार, जनार्दन मांझी, निकी हेम्ब्रम, एमएलसी मनोज यादव आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि बौंसी मेला पौराणिक मेला है। काफी दिनों से मंदार महोत्सव सह बौंसी मेले को राजकीय मेले का दर्जा देने की मांग वे खुद कर रहे थे। इसी कारण आज जब उन्हें मौका मिला है तो इसे पूरा ही कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से मंदार महोत्सव को राजकीय मेला बनाने की स्वीकृति लेकर आया हूं।
पापहरणी सरोवर का ऐतिहासिक महत्व
मकर संक्रांति पर मंदार स्थित पापहरणी सरोवर में तीन धर्मों का समागम होता है। जैन, सफा व सनातन धर्म के अनुयायी पापहरणी सरोवर में स्नान कर अपने पूर्वजों के सान्निध्य में पूजा अर्चना करते हैं। मान्यता है कि समुद्र मंथन के बाद भगवान शिव ने मंदार पर्वत पर विषपान किया था। विष्णु पुराण में भी इसका उल्लेख है। मकर संक्रांति पर जो पापहरणी सरोवर में स्नान करते है उनके पापों का नाश होता है।

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