ऐसा क्या है जो औरत नहीं कर सकती है | Chanakya on Women | Chanakya Niti in hindi
  • 6 years ago
चाणक्य ने कहा श्रेष्ठ धन कौन सा ? आचार्य चाणक्य एक महान ज्ञानी के साथ साथ एक अच्छे नीतिकार भी थे, उन्होंने मनुष्य के जीवन को सुलभ और सुखमय बनाने के लिए अपने निति में बहोत सी अच्छी बाते बताई है, जिनको जानकार कोई भी मनुष्य जीवन में हमेशा सुखी और यशस्वी रह्सकता है. chanakya neeti hindi | chanakya niti in hindi chanakya niti full in hindi chanakya niti shastra chanakya niti full ____________________________________________________________ Watch More चाणक्य नीति
1. चाणक्य नीति : प्रथम अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=LPSZ9...
2. चाणक्य नीति : द्वितीय अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=cahjT...
3. चाणक्य नीति : तीसरा अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=a8_RW...
4. चाणक्य नीति : चौथा अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=cP4wy...
5. चाणक्य नीति : पांचवा अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=BhMXX...
6. चाणक्य नीति : छठवां अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=uhaKG...
7. चाणक्य नीति : सातवां अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=-j2a8...
8. चाणक्य नीति : आठवां अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=Bf8xd...
9. चाणक्य नीति : नवां अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=s-kBV...
10. चाणक्य नीति : दसवां अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=CBCKu...
11. चाणक्य नीति : ग्यारहवां अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=06uMD...
12. चाणक्य नीति : बारहवां अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=QPrOE...
13. चाणक्य नीति : तेरहवां अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=TrWhi...
14. चाणक्य नीति : चौदहवां अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=iqrU4...
15. चाणक्य नीति : पन्द्रहवां अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=LOkNU...
16. चाणक्य नीति : सोलहवां अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=I0W7r...
17. चाणक्य नीति : सत्रहवां अध्याय – https://www.youtube.com/watch?v=TZ91n...

जिसके पास विद्या नहीं है वो सब तरह से निर्धन है
मनुष्य को अपना हर कदम फूक फूक कर रखना चाहिए
ऐसा क्या है जो कवी अपने कल्पना में नहीं कर सकता है
दारू पिने के बाद मनुष्य क्या नही बोल सकता है
अज्ञानी मनुष्य धरती पर बोझ है
चाणक्य के अनुसार दुसरो का अपमान करने से धन दौलत चली जाती है
हे विशम्भर तू सबका पालन कर सबको सुख और शांति दे
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