Narendra Modi vs Indira Gandhi, तुलना करना कितना जायज ? | वनइंडिया हिन्दी

  • 6 years ago
Prime Minister Narendra Modi said the party was now in power in 19 states, one more than the Congress at its peak under Indira Gandhi. The PM also recalled the sacrifices of leaders who built the party over the years and exuded confidence that the BJP would win more state polls in the days to come. "Congress under Indira Gandhi ruled in 18 states but the BJP and its allies have gained power in 19 states in the past three-and-a-half years. Soon, we shall win other state polls too," Modi said while addressing party MPs at the BJP parliamentary party meeting.

नरेंद्र मोदी की सरकार जबसे सत्ता में आई है और एक के बाद एक कठोर फैसले लेने लगी है तब से राजनीतिक गलियारों में ये सवाल भी उठने लगा है की नरेंद्र मोदी बेहतर हैं या फिर इंदिरा गांधी... फैसले लेने से कभी नेता बड़ा नहीं होता नेता बड़ा होता है जनता को राहत पहुचाने से... दरअसल ये मुद्दा तब फिर से सामने आ गया जब मोदी ने एक में बैठक में जिक्र किया कि उनकी पार्टी यानी बीजेपी की सरकार 19 राज्यों में है तो वहीं इंदिरा गांधी की सरकार सिर्फ 18 राज्यों में थी... मोदी के इस बयान के बाद यह आकलन करना जरुरी हो गया है कि इंदिरा युग और मोदी युग में किस पार्टी की स्थिति ज्यादा मजबूत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी अपने बेहद 'अच्छे दिन' देख रही है, और आज की तारीख में देश के 19 राज्यों में उसकी सरकार हो गई है...और इस लिहाज से देखा जाए तो फिलहाल देश के 68 फीसदी आबादी पर बीजेपी की सरकार है... इसके उलट इंदिरा के जमाने में कांग्रेस पार्टी 18 राज्यों में सत्तारुढ़ थी, उस समय की खास बात यह थी कि इन 18 राज्यों में कांग्रेस ने अपने दम पर सरकार बनाई थी. जबकि इस बार भाजपा के 19 में से सिर्फ राज्यों में 13 में उसकी अपनी सरकार है. इन 19 में से कई छोटे राज्य हैं जो पिछले 2 दशक के अंदर ही अस्तित्व में आएं हैं.
इंदिरा और मोदी दोनों में सबसे ताकतवर कौन है. इस पर कुछ भी कह पाना अभी संभव नहीं है. दोनों कालखंड में 30 से ज्यादा साल का अंतर है और दोनों युग की परिस्थितियों में भी काफी भिन्नता है. ऐसे में अपने-अपने समय के आधार पर देखा जाए तो दोनों अपने समय में ताकतवर थे. फिलहाल मोदी के पास वक्त है कि वो अपने युग में कई और राज्यों में कमल का फूल खिला सकते हैं. यह इतिहास बताएगा कि दोनों के नेतृत्व में देश ने कितनी तरक्ती की और आम जनता के लिए कितना फायदेमंद रहा. फिलहाल अभी फैसला लेना थोड़ा मुश्किल है. इसे भविष्य पर छोड़ते हैं.

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