Yogi Govt के UPCOCA Bill में ऐसा क्या है जो इसे मुस्लिम विरोधी बता रहे हैं | वनइंडिया हिन्दी

  • 6 years ago
Uttar Pradesh chief minister Yogi Adityanath on Wednesday tabled the much-feared and long-awaited Uttar Pradesh Control of Organised Crime Act (UPCOCA) 2017 Bill in the Legislative Assembly amid protests from Opposition benches. The Bill has a provision of stringent punishment for people engaged in organised crime with capital punishment accompanied by stiff penalty up to Rs25 lakh and jail terms ranging from three years to life for other crimes, including possession of unaccountable wealth and harbouring of criminals.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जब से सत्ता में आई है तब से अपराध पर जीरो टॉलरेंस की बात कर रही है.. औऱ योगी सरकार अब इस बात को बिल में बदलने जा रही है.. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने संगठित अपराध पर नकेल कसने के लिए राज्य में यूपीकोका के रूप में सख्त कानून लाने का फैसला किया है. प्रस्तावित कानून के तहत अंडरवर्ल्ड, जबरन वसूली, जमीनों पर कब्जा, वेश्यावृत्ति, अपहरण, फिरौती, धमकी और तस्करी जैसे अपराधों को शामिल किया गया है. योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में यूपीकोका उत्तरप्रदेश कंट्रोल ऑफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट बिल पेश किया. अब आप सोच रहे होंगे की ऐसा क्या है इस कानून में जो इसे मुस्लिम विरोधी या एक खास वर्ग के विरोध में बनाया गया है तो हम पहले आपको पूरा कानून बता देते हैं... यूपीकोका (उत्तरप्रदेश कंट्रोल ऑफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) के तहत संगठित रूप में होने वाले अपराध को निशाना बनाया जाएगा. इस कानून के तहत गिरफ़्तार व्यक्ति को 6 महीने से पहले ज़मानत नहीं मिले सकेगी. आरोपी की पुलिस रिमांड 30 दिन के लिए ली जा सकती है, जबकि बाकी क़ानूनों के तहत 15 दिन की रिमांड ही मिलती है. इसके अलावा अपराधी को पांच साल की सजा और अधिकतम फांसी की सजा का प्रावधान होगा.

अब योगी सरकार द्वारा लाए जा रहे कानून का भी विरोध किया रहा है. राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी समेत दूसरे दलों ने योगी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. वहीं मुस्लिमों की पैरोकारी करने वाले संगठन भी इसकी मुखालफत में खड़े नजर आ रहे हैं. कहा जा रहा है कि एक खास समुदाय को टारगेट करने के लिए इस कड़े कानून अमल में लाने का कदम उठाया गया.

नए कानून में इस बात के लिए भी नियम बनाए गए हैं कि उसका गलत इस्तेमाल न हो सके.ऐसे में इस कानून के बनने से क्राइम तो खत्म होगा लेकिन क्या एक समुदाय विशेष को टारगेट किया जाएगा ये देखना होगा..

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