Gujarat Election 2017 जानिए क्या मायने हैं Narendra Modi और Rahul Gandhi के लिए | वनइंडिया हिन्दी

  • 6 years ago
Gujarat Election 2017 is decided for Narendra Modi and Rahul Gandhi. Why Gujarat election 2017 is a watershed moment in Indian politics. If BJP wins Gujarat election 2017, bagging the 2019 Lok Sabha elections and 2018 state polls will become easier. And if it loses, Congress will get a new lease of life but economy may suffer.Nehru-Gandhi scion Rahul Gandhi's coronation as Congress president just ahead of the Gujarat Assembly election is both positive and challenging for him. Positive because Rahul's active participation in the Gujarat election has played a major role in his changing image.

गुजरात चुनाव को लेकर राजनीतिक दल चाहे जो भी दावे कर रहे हों, लेकिन दोनों ओर से लोग दिल थामकर बैठे हैं. कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के नेतृत्व में आर-पार की भूमिका में नज़र आ रही है तो वहीं बीजेपी अपने चिर-परिचित चेहरे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहारे फिर से गुजरात में अपने चमत्कार को दोहराने का दावा कर रही है. मोदी किसी भी कीमत पर यह चुनाव जीतना चाहेंगे क्योंकि कांग्रेस से भी ज़्यादा बीजेपी के लिए और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह चुनाव जीतना बहुत ज़रूरी है... क्यों की इससे 2019 के लिए रास्ता खुलेगा... अगर मोदी गुजरात हार जाते हैं तो यह गुजरात मॉडल का ध्वस्त हो जाना होगा. तो वहीं राहुल के अध्यक्ष बनते ही ये पहली जीत होगी जबकि राहुल के हिस्से में अभी तक हार ही आई है.. इस जीत के साथ राहुल गांधी देश की राजनीति पर मोदी विरोध के एक सशक्त चेहरे भी बन जाएंगे... गुजरात चुनाव में अगर बीजेपी हारी तो इसका सीधा असर आगामी राज्य विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा. क्यों की आने वाली जिन राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें ज्यादातक राज्यों में बीजेपी की सरकार है... तो वहीं राहुल निःसंदेह नए अवतार में नज़र आ रहे हैं. उनके बारे में लोगों के बीच धारणा तेज़ी से बदलती महसूस हो रही है. राहुल का आत्मविश्वास बेहतर नज़र आ रहा है और उनका बोलना, चीज़ों का जवाब देना, हाज़िरजवाबी भी सुधरी नज़र आ रही है. पहली बार राहुल एक परिपक्व नेता की तरह दिखाई दे रहे हैं. गुजरात में हार मोदी के आर्थिक सुधारों पर भी मुहर लगा देगी.. क्यों की गुजरात से व्यापारियों के गुस्से होने की तस्वीर भी देश ने देखी थी.. नोटबंदी से लेकर जीएसटी तक पर सवाल उठने लगेंगे.. वहीं अगर राहुल जीते तो जीएसटी और नोटबंदी को फेल मान लिया जाएगा... इस चुनाव का सबसे ज्यादा असर 2019 में दिखेगा... सबसे बड़ी बात तो यह है कि क्या गुजरात मॉडल के ध्वस्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 जैसा प्रदर्शन आम चुनावों में कर पाएंगे. कमज़ोर राज्यों और ध्वस्त गुजरात मॉडल की चोट ऐसी पड़ सकती है कि पार्टी 2019 में बहुमत के मैजिक नंबर से नीचे उतर सकती है. हालांकि ऐसी कई चिंताएं तभी सिर उठाएंगी जबकि भाजपा गुजरात विधानसभा चुनाव हार जाए और इसके लिए 18 दिसंबर का इंतज़ार करना ही बेहतर है.

राहुल के लिए गुजरात जीतना इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि उनकी अपनी पार्टी में उन्हें गंभीरता से लिया जाए, इसके लिए आवश्यक है कि वो खुद को साबित कर पाएं. राहुल पूरा ज़ोर लगाकर भी अगर गुजरात में कांग्रेस की नैया पार नहीं लगा पाते हैं तो वो किस आधार पर बाकी राज्यों में अपने पार्टी के चेहरों से जीत की गारंटी का वचन लेंगे. ये देखने वाली बात होगी...

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